Hindi Shayari

तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे 


मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो 


किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है 


तड़पकर यह मुझे दर्द दे रही है 



दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया 


फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है



~~~~~~~~~Thanku For Watching~~~~~~~


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